Tally
Group List
1.) Bank Accounts
2.) Bank Occ A/c
3.) Bank Od Accounts
4.) Branch/Division
5.) Capital Account
6.) Cash-in-hand
7.) Current Assets
8.) Current liabilities
9.) Deposit(Assets)
10.) Direct Expenses
11.) Direct Incomes
12.) Duties & Taxes
13.) Expenses(Direct)
14.) Expenses(indirect)
15.) Fixed Assets
16.) Income(Direct)
17.) Income(indirect)
18.) Indirect Expenses
19.) Indirect Incomes
20.) Investments
21.) Loans & Advances(Assets)
22.) Loans( Liabilities)
23.) Provisions
24.) Purchase Accounts
25.) Reverse & Surplus
26.) Sales Accounts
27.) Secure Loans
28.) Stock-in-hand
29.) Sundry Creditors
30.) Sundry Debtors
31.) Suspense Accounts
32.) Unsecured Loans
Groups
in Tally With Example.
1.Bank Account : जो
भी हमारे Current Account या Saving
Bank Account का Ledger हो तो उसे हम Bank account Group में रखेंगे. Example: SBI Bank A/c, PNB Bank A/c, IDBI Bank A/c
etc.
2.Bank O/D (Bank Overdraft) & Bank OCC(Bank
Overdraft cash credit):-जब भी हम किसी Bank से Loan लगे तो Bank Loan का जो Ledger होगा उसको हमको Bank o/d या Bank Occ में से किसी भी एक Group में रखना होगा।
3. Branch /Division:- जब भी
कोई Company जिसकी बहुत सारी ब्रान्च है,
वो भी अलग-2 State में या फिर District में तो वो Branch/Division की मदद से Bank Account Open कर सकती है, इस
तरह के Account को हम Branch/Division के Group
में रखेंगे।। Example जैसे कि Delhi की Branch अलग और Allahabad की Branch अलग।
4. Capital Account: जो भी
कोई Businessman होता है
और वो अपने Business में Paisa जब Invest करता है तो उसके लिए हमको जो group use करना होता है वो होता है,
Capital Account group। Example (Capital, Drawing, LIC, Income
Tax को हम Capital A/c group में रखेंगे).
5.Secured Loans: जब भी
हम ऐसा Loan लेते है जो Bank के सिवा आपने किसी और से लिया है मतलब की कोई Security को रखकर आपने कोई Loan लिया है तो उसे हम Secure Loan के Group
में रखेंगे.
Example आपने Bajaj Finance से कोई Loan लिया है,जैसे Car Finance पर ली है,
Gold Loan लिया है,
Building को गिरवी रखकर Loan लेना चाहते है,इस
तरह के Loan जिनमे आपको Security रखकर फिर Loan ले रहे है,
ऐसे सभी Loans को हम Secure Loans के Group
में रखेंगे।
6.Unsecured Loans:- जब हम
अपने किसी Friends या फिर Relatives से कोई Loan लेते है तो उन्हें हम Unsecured Loans के Group
में रखते है।
7.Loan& Advance (Assets): जब हमें किसी को Loan देना हो या फिर Advance Payment करना हो
तो उसको हम Loan & Advance(Assets) के groups
में रखेंगे। Example- Advance Salary Loan To Deepak
Etc.
8.Deposit(Assets): जब भी
हम ऐसा कोई Investment करते है
जिसमे हमे Time-Period और Profit
Decide हो और हमको पहले से पता हो कि मै कितना पैसा Invest कर रहा हूँ और मुझे इतने time के बाद पैसा मिल जाएगा,तो
उसको हम Deposit(Assets) के Groups
में रखेंगे।
Example- FD (Fixed Deposit), RD, KVP, NSC, PPF या
फिर Gov की जितनी भी योजना होती है,
Bonds होते है उनको हम Deposit(Assets) Group में रखते है।.
9.Investment: ऐसा निवेश जिसमे समय सीमा और लाभ पूण निर्धारित नही होता और आप ऐसे निवेश करए है,जिसमे आपको पता नही होता है कि Profit होगा या नही होगा,
या फिर होगा तो कितने समय के बाद होगा,
ये भी Fixed नही की Profit होगा कि Loss. अगर देखा जाए तो Loss भी हो सकता है तो ऐसे Legers को हम Investment Group में रखेंगे।
Example- Share, Mutal Funds, Lottery.
10. Direct Expenses: वो सभी खर्चें (Expenses) जो Factory
से Related होते है और हमारे Production को Effect
करते है,उन
सभी Ledgers को हम Direct Expenses में रखते है। Example. Wages, Power bill, Factory Rent,
Factory Insurance, Carriage Inward Etc.
11. Indirect Expenses: ऐसे सभी खर्चें (Expenses) जो Office
से Related होते है,
उन्हें हम Indirect Expenses के Group
में रखते है Example: Discount Paid, Rent Paid,
Commission Paid, Interest paid, Bad Debts, Salary Paid Etc
12.Indirect Incomes: ऐसी Incomes
जो Goods को Sale करने के अलावा हमे Received होती है उन सभी के Ledgers को हम Indirect income के Group
में रखते है। Example: Discount Receipt, Rent Receipt,
Commission Receipt, Interest Receipt Etc.
13.Duties&Taxes: Income Tax को
छोड़कर जितने भी तरह के Tax हम Use करते है उन सभी Tax के Ledgers को हम Duties And Taxes Ledgers में रखते है।। Example Sales Tax, CST, VAT, TDS, Service
Tax, GST, SB Cess, KK Cess, Surcharges Etc.
14. Fixed Assets: ऐसे Property
मतलब सम्पति जो हम Sale करने के लिए नही खरिदते और जो Life Long होती है ,उपयोग करने के लिए उनको हम Fixed Assets के Group
में रखते है।
Example Plant, Machinery, Building, Land, computer, car,
Furniture, Cycle Etc.
15.
Provision: Business में Future Coss से बेचने के लिए हमे कुछ funds बनाने पड़ते है,उन्हें ही हम Provision कहते है।
Example:
Provision For Bad debts, Provision For Income Tax, Provision For Sundry
Creditors, Provision For Sundry Debtors.
16. Purchase Account: हम जो
भी माल (Goods) को Purchase और Purchase Return करेगे, उन सभी Ledger को हम Purchase Group में रखेंगे।
17.Sale Account: हम जो
भी माल (Goods) को Sale और Sale Return करेगे,तो उन सभी को हम Sales Account के Group
में रखेंगे।
18.Sundry Creditors: Business में हमे जिन Parties से या फिर जिन लोगो से (Credit) पर माल को खरिदते है और जिनको की हमको पैसे देने होते है उन सभी Ledger’s को हम Sundry Creditors के Group
में रखेंगे।
19.Sundry Debtors: ऐसे सभी Parties जिनको हम उधार पर माल Sale करते है और जिनसे हमे पैसे लेने होते है,उन
सभी Ledgers को हम Sundry Debtors के Group
में रखेंगे।
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